Wednesday, September 14, 2011

ख्वाहिश है, अजंता-एलोरा के भित्ति चित्रों को टैक्सचर के माध्यम से बनाऊं- वरिष्ठ चित्रकार चमन



वरिष्ठ चित्रकार चमन को बाल शिक्षा परिषद, कला भूषण, आई फैक्स, ललित कला अकादमी के कई पुरस्कारों के अलावा तमाम राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। कला के क्षेत्र में इनका इतना व्यापक असर रहा है कि मदर टेरेसा, पंडित रविशंकर, हरिवंश राय बच्चन, अमृता प्रीतम, सोहनलाल द्विवेदी के अलावा देश-विदेश की कई शख्सियत इनकी पेंटिग देखने घर तक आ चुके हैं।  वह कहते हैं, सबसे पहले समाज में हम अपने आस-पास संस्कृति को महसूस करते रहे हैं। समाज जीवन के तमाम रंगों को महसूस करना किताब की तरह होता है। भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कला भी एक सार्थक माध्यम है। मुझे बचपन से पेटिंग का शौक था। घर में पहले इस विधा से कोई जुड़ा नहीं था। घर का माहौल काफी अध्यात्मिक था। घर के लोग धार्मिक भावना से जुड़े थे। बचपन से पढ़ाई में ड्राइंग मेरा प्रिय विषय रहा। शुरू से ही पढ़ाई के दौरान मैं अपने से बड़ी कक्षाओं के छात्रों की ड्राइंग बनाता था। कई महत्वपूर्ण पत्रिकाओं में मेरे चित्र समय-समय पर प्रकाशित होते रहे हैं। मैंने 1958 में चमन स्कूल आफ आर्ट स्कूल खोला, जिसमें शहर के तमाम ड्राइंग के छात्र आज भी आते हैं।  वाटर कलर, आॅयल कलर में ज्यादातर काम किया है। राजा रवि वर्मा मेरे पंसदीदा हैं, इनकी वॉश पेंटिग मुझे काफी पंसद आती है। उनके चित्रों में सजीवता को देखकर मैं धन्य हो गया कि रिलेयस्टिक काम इस हद तक भी किया जा सकता है। मैं भी रियेलिस्टक काम अच्छा लगता है।  मेरे विषय में ग्रामीण परिवेश, जनसमान्य व महिलाएं पंसदीदा सब्जेक्ट रहे हैं। मुझे अपनी श्रमिक शीर्षक से बनी पेंटिग आज भी अच्छी लगती है। यह पेंटिग मैंने अपने स्कूल का चपरासी की बनाई थी। जो काफी गरीब था और मैले-कुचेले कपड़े पहने था, उसके चेहरे पर श्रम का भाव था। इस पेंटिग में मैंने उस व्यक्ति के भाव को, उसकी परिस्थितियों को प्रदर्शित किया था। इस पेंटिग से मुझे इतना लगाव है कि ढाई लाख कीमत लगने के बाद इसे नहीं बेचा। पिछली तीन पीढ़ियों से छात्र-छात्राएं मेरी पुस्तकों को पढ़ रहे हैं।  सबसे पहले 1963 में ड्राइंग की किताबें पाठ्यक्र म में शामिल हुई, नर्सरी कक्षा से एमए तक की कक्षाओं के लिए ड्राइंग की करीब 75 किताबें एवं 50 संस्करण से ज्यादा दे चुका हूं। मेरी ख्वाहिश है कि अजंता-एलोरा क े भित्ति चित्रों को टैक्सचर के माध्यम से बनाऊं।

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