मेरठ में बनते हैं ये वाद्य यंत्र
मेरठ : देशभर में वाद्य यंत्रों की गूंज मेरठ ने ही फैलाई थी। यहां बने वाद्य यंत्र देश के हर कोने में पहुंचने के साथ ही विदेशों तक धूम मचा रहे हैं। 129 वर्ष पहले एक व्यक्ति ने जो अभिनव शुरुआत की थी, आज दो हजार से अधिक परिवारों के लिए भरण-पोषण का जरिया है। जली कोठी स्थित वाद्य यंत्र बाजार एशिया का सर्वश्रेष्ठ वाद्य यंत्र बाजार कहा जाता है। यहां देशी और विदेशी वाद्य यंत्रों का उत्पादन वर्ष 1885 में वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित सियालकोट जिले के निवासी इमाम बख्श ने शुरू किया था। वह भारतीय सेना की मेरठ छावनी में बैंड मास्टर थे। रिटायर होने के बाद वह मेरठ में ही बस गए। उस समय वाद्य यंत्र पेरिस से आते थे। उन्होंने पहले वाद्य यंत्रों की एजेंसी ली और बाद में इमाम बख्श एंड कंपनी बनाकर इनका उत्पादन शुरू कर दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बिगुल बनाने वाली एकमात्र इस भारतीय कंपनी ने अंग्रेज सरकार को हजारों की संख्या में बिगुल दिए थे। बाद में उनके बेटे नादिर अली ने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया और यह कारवां आज भी बदस्तूर आगे बढ़ता चला जा रहा है। - सूरजमुखी उर्फ सोजा फोन - ट्रम्प...

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isi prakar har manushya ko apne man ke panchi ko akaash ki uchaiyon tak udaan bhrni chaiye...